Virginity in Hindi part nine


 गार्गी के ऑपरेशन के बाद. दो महीने बाद श्याम ‘अर्शिया कॉम्प्लेक्स’ के नीचे खड़ा गार्गी का इंतजार कर रहा था। श्याम ने उसी कॉम्प्लेक्स की 15वीं मंजिल पर 2 बीएचके फ्लैट ले लिया था। श्याम ने एक महीने पहले ही फ्लैट का कब्जा लिया था और फ्लैट की interior decoration का काम शुरू कर दिया था। आज श्याम ने गार्गी के साथ उस फ्लैट में ‘गृहप्रवेश’ का फैसला किया था। इसके लिए श्याम ने गार्गी को एक शानदार साड़ी खरीद कर दी और उससे कहा कि वह जिस कमरे में पेइंग गेस्ट के तौर पर रह रही थी, वहां से अपना सारा सामान लेकर हमेशा के लिए उस कमरे को छोड़ दे।

गार्गी ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थी। लेकिन एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के ऑपरेशन के बाद, गार्गी ने श्याम का नया, चिड़चिड़ा रूप देखा! इससे पहले, गार्गी और श्याम एक दूसरे की संगति में स्वर्गसुख का आनंद ले रहे थे। उनमें कोई मतभेद नहीं था, कोई भी एक-दूसरे पर चिल्ला नहीं रहा था। जब से उसने पहली बार पॉझिटिव्ह प्रेग्नन्सी को गलत समझा और गार्गी ने डॉक्टर से इसे समाप्त करने के लिए कहा, तब से श्याम ने ऐसा रुद्र अवतार धारण कर लिया था कि गार्गी उसके सामने पूरी तरह से मजबूर हो गई थी। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के ऑपरेशन के बाद उसका स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा था। उस समय टीवी पर खबर आई कि ‘चीन के वुहान शहर के एक बाजार से ‘कोरोना’ नामक वायरस लीक हो गया है और उस बीमारी की महामारी फैल गई है।’ ऐसी खबरें दिखाई जा रही थीं। अस्थानिक गर्भावस्था के ऑपरेशन के बाद, गार्गी के बॉस ने ऑफिस में एक मीटिंग रखी थी। उस मीटिंग से पहले उसका बॉस दुबई चला गया था। जिस दिन वे दुबई से लौटे, उसी दिन उनकी यह मीटिंग हुई। उस समय वह सर्दी और खांसी से पीड़ित था। मीटिंग के बाद उनकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि वे ऑफिस नहीं आ सके। गार्गी के साथ, जो उस मीटिंग में  शामिल हुए 10 अन्य कर्मचारी भी उस मीटिंग के 2/3 दिन बाद बीमार हुए और   छुट्टी पर चले गए। गार्गी को तो यह भी संदेह था कि कहीं उसे भी यह बीमारी न हो गई हो! इसीलिए उसने श्याम से उसके नए फ्लैट पर मिलने से इनकार कर दिया। लेकिन इनकार सुनने के बाद श्याम इतना गुस्सा हो गया था कि गार्गी आगे कुछ बोल नहीं सकी।

श्याम बहुत देर से गार्गी का इंतज़ार कर रहा था। तभी एक रिक्शा उसके सामने आ गयी। गार्गी खाँसती-छींकती रिक्शे से उतरी। उसने श्याम की दी हुई साड़ी पहन रखी थी, पर चेहरे पर नकाब था। उसे देखकर श्याम दौड़कर उसके पास गया, उसका बैग हाथ में लिया और बोला, “तुम कितनी देर से आई हो और यह क्या है? तुमने अपने चेहरे पर इतना नकाब क्यों पहना हुआ है?”
“तो क्या तुम्हें नहीं पता? कोरोना वायरस महामारी पूरी दुनिया में फैल चुकी है। हमारे शहर में भी कुछ मरीज़ पाए गए हैं। मैं कल डॉक्टर के पास गयी और पैथोलॉजी में खून और पेशाब की जाँच करवाई।” गार्गी.
“मुझे पता है, लेकिन कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में पाया गया था। जिन रोगियों का पता चला वे हाल ही में विदेश से लौटे हैं।तुम और मैं 2 महीने पहले वहां गए थे और वो भी दुबई गए थे।” श्याम ने लिफ्ट में चढ़ते हुए और 14वीं मंजिल का बटन दबाते हुए कहा। गार्गी का उधर ध्यान नहीं था। जब लिफ्ट 14वीं मंजिल पर पहुंची, तो घोषणा हुई, ’14th flr’ और लिफ्ट के दरवाजे खुल गए! यह सुनकर गार्गी ने आश्चर्य से कहा, “’14वीं मंजिल’? लेकिन तेरा फ्लैट तो 15वीं मंजिल पर है, है न?”
“हाँ, लेकिन मैं तुम्हें अभी 15वीं मंजिल पर मेरी गोद मे उठा के ले जाऊंगा!” यह कहकर श्याम ने गार्गी को उठाया और सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। गार्गी ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक श्याम 15वीं मंजिल पर अपने फ्लैट पर पहुंच चुका था! फ्लैट का दरवाज़ा खुला था। और श्याम ने गार्गी को दरवाजे पर खड़ा कर दिया।
” क्या तुम भी ! इस महामारी के दौरान एक-दूसरे के करीब आना खतरनाक है।” ऐसा कहकर गार्गी ने अंदर जाने के लिए एक कदम बढ़ाया, लेकिन उसका पैर चावल से भरे एक तांबे के कलश से टकरा गया। और उसमें रखा चावल फ्लैट की दहलीज के अंदर गिर गया!!
यह
देखकर गार्गी नाराज हो गई और बोली, “अब यह क्या नौटंकी है? ”
यह कहते हुए गार्गी अंदर आई तो उसने देखा कि अंदर फर्नीचर का काम अधूरा पड़ा है। पूरा हॉल प्लाईवुड, लकड़ी की छड़ियों और कांच के शीशों से अटा पड़ा है। “यह क्या है श्याम, हॉल में कुछ भी नहीं बना है।” जब वे रसोईघर में पहुंची तो वहां भी वही दृश्य था, “और इस रसोईघर में गैस या फ्रिज जैसी कोई आवश्यक चीज नहीं है। मैं ऐसे फ्लैट में कैसे रह सकती हूं?”
“ओह, इन सभी कमरों पर काम चल रहा है। सभी मजदूर अभी-अभी अपना काम खत्म करके चले गए हैं। लेकिन मैंने उस महत्वपूर्ण कमरे की आंतरिक सजावट का काम पूरा कर लिया है, जिसकी हम दोनों को सबसे पहले जरूरत है।” श्याम ने गार्गी को फिर दोनों हाथों से उठाया और कहा।
“हम दोनों के लिए महत्वपूर्ण कमरा कौन सा है? वह कौन सा है?” गार्गी।
“हम दोनों के लिए मास्टर बेडरूम!” श्याम ने कहा और गार्गी को उठाकर मास्टर बेडरूम में बिस्तर पर फेंक दिया। गार्गी ने चारों ओर देखा और पाया कि बेडरूम बहुत बड़ा था। उसमें 6-बाई-6-फुट का एक बड़ा चौकोर बिस्तर था। चार दीवारों में से दो दीवारें कांच की बनी थीं जिन पर पारा लगा हुआ था, और वहाँ से बाहर का साफ आसमान दिखाई दे रहा था। बिस्तर के सामने एक प्रोजेक्टर रखा गया था। गार्गी यह सब ध्यान से देख रही थी, तभी अचानक एक जोरदार पटाखा फटा, जिससे गार्गी चौंक गई और उसने देखा कि कागज के गुलाब की पंखुड़ियां उसके ऊपर बरस रही हैं। श्याम ने बूम बॉक्स तोड़ दिया था और बिस्तर पर कूदकर गार्गी को गले लगाने और चूमने ही वाला था,

लेकिन तभी दरवाजे की घंटी बजी।
“इस समय कौन आ गया है? कबाब में हड्डी बनकर?” श्याम ने परेशान हो कर कहा।
“जाकर देखो।” गार्गी.
श्याम हताश होकर बेडरूम से बाहर हॉल में आया और दरवाजा खोला। तो उसने देखा सामने सफेद रेनकोट पहने चार आदमी थे! उसने अपने मुह पर गार्गी जैसा मास्क लगा रखा था, इसलिए उसका चेहरा भी पहचाना नहीं जा रहा था! तभी उनमें से एक ने कहा.
“श्याम, क्या गार्गी भी यहाँ है?” श्याम ने उसकी आवाज़ पहचान ली और बोला, “अरे समीर, क्या यह तुम हो? हाँ, गार्गी यहाँ है. लेकिन तुमने यह क्या पहना है?”
“क्या तुम्हें पता नहीं, कोरोना महामारी आ गई है। हम सभी मरीजों को अस्पताल ले जा रहे हैं। और उस मरीज के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है। गार्गी कहाँ है?” यह कहकर समीर बेडरूम की ओर चला गया और तीनों आदमी तथा श्याम भी उसके साथ चले गए।
“गार्गी मैडम, जयवंत कुलकर्णी आपके बॉस हैं, है न?” समीर
“हाँ,” गार्गी ने कहा.
“क्या चार दिन पहले आपकी कोई मीटिंग थी?” समीर
“हाँ,” गार्गी ने कहा.
“तो जयवंत कुलकर्णी को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। ये डॉक्टर मेरी मदद के लिए आए हैं। वे आपकी और श्याम की जांच करेंगे।” समीर
“हाँ, यह सही है सर। मैंने कल पैथोलॉजी में ब्लड टेस्ट करवाया था। लेकिन उन्होंने कहा कि कोरोना रिपोर्ट आने में 14 दिन लगेंगे। और मुझे सर्दी-खांसी भी हो रही है।” गार्गी।
“ठीक है। मैं अब तुम्हारी जाँच नहीं करूँगी। तुम बस 14 दिन यहीं रहो और आराम करो।” समीर के साथ आये डॉक्टर ने कहा।
“श्यामका ब्लड टेस्ट करो ।” समीर।
“मेरा ब्लड टेस्ट क्यों? मुझे तो कुछ नहीं हुआ।” श्याम
“लेकिन तुम तो आज गार्गी के साथ थे न? फिर तुम्हें भी क्वारंटीन में रहना पड़ेगा। डॉक्टर, इसका खून जांच के लिए ले लो,” समीर ने कहा।
“हाँ, और यह फ्लैट बड़ा है। और इस मंजिल पर कोई दूसरा फ्लैट नहीं है। यह प्रतिबंधित मंजिल है। इसलिए श्याम, तुम दूसरे कमरे में रहो और गार्गी इस कमरे में रहेगी।” “डॉक्टर।
“ये सब क्या है? मैं दूसरे कमरे में क्यों रहूँ?” श्याम.
“श्याम, हमें कोरोना के प्रसार से बचने के लिए ‘सोशल डिस्टंसिंग’ का पालन करना होगा। सरकार जल्द ही लॉकडाउन लगाने वाली है। इसलिए श्याम, तुम दूसरे कमरे में रहो।” समीर.
“अच्छा हुआ,समीर और डॉक्टर साहब आप आ गए, अब आप हि इसे समझाइए कि कोरोना वायरस कितना खतरनाक है। मैं उसे कल से ही यह समझा रही हूँ। पर वह मेरी बात नहीं सुन रहा था, उल्टा मुझ पर चिल्ला रहा था और अब मुझे इस बेडरूम में ले आया है। अब यह बेडरूम भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया है, अब उसे दूसरे कमरे में ले जाइए।” गार्गी जोर से चिल्लाई, जिसके बाद वह जोर-जोर से खांसने लगी।
“ओह, लेकिन वहां कोई फर्नीचर तैयार नहीं है। मैं वहां कैसे सोऊंगा?” श्याम.
“लेकिन फिर भी तुम्हे दूसरे कमरे में जाना पडेगा, और जाने से पहले गर्म पानी से नहा कर खुद को साफ करना चाहिए। तभी तुम कोरोना से सुरक्षित राहोगे ।” गार्गी फिर चिल्लाई।
“चलो उस कमरे में चलते हैं और देखते हैं,” यह बोल कर समीर, श्याम और डॉक्टर के साथ चला गया। वहाँ एक आधा बना हुआ बिस्तर था। उसे अन्य प्लाइवुड से सहारा दिया गया तथा समतल किया गया। और वह मास्टर बेडरूम की अलमारी से कुछ चादरें और एक गद्दा ले आया।
“श्याम, तुम 14 दिन तक इसी कमरे में इसी बिस्तर पर आराम करो। कमरे से बाहर बिल्कुल मत निकलना।” समीर.
“ऐसा लगता है के, कोई अपराध किए बिना ही जेल में डाल दिया गया है!” श्याम ने खुद्द का सिर पर हाथ मारते हुए कहा।
“देखो, कोरोना से बचने के लिए अभी यही एकमात्र उपाय है।” यह कह कर समीर चला गया और शाम बाथरूम में जाकर नहाने लगा।

(क्रमश)

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